" ओबीसी रेलवे कर्मचारी जन जागरूकता अभियान " जय ओबीसी!जय फूले!!जय मंडल!!! साथियों थोड़ा गंभीरता से सोचें और विचार करें कि हमारे पूर्वजों को रेलवे में दो-दो यूनीनों के रहते हुए :-(1) "ओबीसी संगठन" क्यों बनाना पड़ा..?(2) इसके पीछे उनका क्या सोच रहा होगा..?(3) इसके पीछे उनके क्या सपने रहें होंगें..?(4) इसकी जरूरत क्या थी..?(5) हमें ओबीसी संगठन से क्यों जुड़ना चाहिये..? इन सब सबालों का जबाब हम सब को जानना चाहिए।इन सब का मेरे हिसाब से जबाब यही होगा कि उन सब का एक ही लक्ष्य एवं सपना था कि:- " ओ.बी.सी. कर्मचारी व उनके परिवार का शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी विकास एवं तनाव मुक्त कार्य परिवेश का निर्माण करना।"*अब सबाल उठता है ऐसा क्यों..?तो हमारा मानना है कि हमारे पूर्वजों यानि हमारे से पहले जो ओबीसी कर्मचारी साथी कार्य कर सेवानिवृत हो चुके हैं या वर्तमान में कार्यरत हैं ने ट्रेड यूनियन में ओ. बी. सी. कर्मचारी साथियों की जा रही लगातार उपेक्षा से परेशान होकर अपने लोगों के अधिकार की रक्षा एवं मान-सम्मान के लिए एक संगठन बनाना चाहते होगें जहाँ लोग अपनी परेशानियों को विना किसी दबाब में रहे खुल कर बता सके,पर इसे आज के युवा पीढ़ी उनका राजनीतिक महत्वाकांक्षा कह सकते हैं,पर जब आप उन लोगों के संघर्ष की कहानी सुनेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी।हम सब की तरह ही उनका भी परिवार था, बच्चे थे,काम था पर उन्होंने कभी उनका परवाह न कर हमारे बारे में सोंचा,अपने समाज के बारे में सोंचा,आने वाली पीढ़ी के बारें में सोचा, नए सपने देखे, ऐसे लोगों के सोंच,सपने,मेहनत एवं संघर्ष की जितनी तारीफ की जाय उनके लिये कम् ही होगा।जरा सोचिए यदि उनलोगों ने ऐसा नहीं किया होता, आपको और हमको एक संगठन बनाकर नहीं दिया होता तो हमारी स्थिति क्या होती? क्या हम अपने लोगों की सच्ची पहचान कर पाते?उसकी मदद कर पाते? या अपनी हितों की बात प्रशासन तक पहुँचा पाते? शायद अधिकांश लोगों का जबाब होगा-नहीं। हम सबको पता है कि हमारे अपने ओबीसी समाज के लोग आज भी शैक्षणिक ,बौद्धिक, एवं सांस्कृतिक रूप से काफी पिछे है, और उनका इस्तेमाल ट्रेड यूनियन में कैसे किया जाता है और उनके मेहनत का पैसा सोसाइटी के नाम पर कैसे उनका पैसा निकाल लिया जाता था और उन्हें खबर तक नहीं होती थी! शायद आप इन बातों पर आज विश्वास न करें पर यह हकीकत है जब आप अपने समाज के लिए समय निकालेंगे तो आपको स्थिति इससे भी भयावह मिलेगी-पर आपको तो लग रहा है कि-"सब ठीक है"! क्योंकि हमलोग ऐसे है कि जबतक कोई चीज खुद पे नहीं पड़ती हम उसके अस्तित्व को ही स्वीकार ही नहीं करते और न उसे मानते हैं।अत: साथियों किसी भी गलत फहमी न रहें, खुद अपनी बुद्धि एवं विवेक का इस्तेमाल करते हुए कसौटियों पर लोगों को परखे की कौन संगठन अपना है और कौन पराया।मेरा विश्वास है कि अंततः आपके विश्वाश पर ओ. बी. सी संगठन ही खरी उतरेगी।अतः साथियों अपने ओबीसी समाज के उत्थान के लिए ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे एम्प्लॉइज यूथ फेडरेशन नई दिल्ली से जुड़े और इसे मजबूत बनाये क्योंकि संगठन में ही शक्ति है और सबके हित में ही अपना हित है।ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे एम्प्लॉइज यूथ फेडरेशन एक गैर-राजनीतिक,एवं जातिवादी सोच,व्यक्ति विशेष,धर्म एवं क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर सामूहिक भागीदारी देने,सबका सम्मान,सबका सहयोग,एवं सभी जातियों को फेडरेशन एवं एसोसिएशन में भागीदार बना कर व साथ लेकर ही एसोसिएशन को मजबूत किया जा सकता है,ऐसे सकारात्मक व नई सोच एवं विचारों के साथ आगे बड़ रही है।
ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे एम्प्लॉइज यूथ फेडेरेशन नई दिल्ली से हमें क्यों जुड़ना चाहिए..?